Aarti Kunjbihari
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
गले में बैजंती माला, बजावै मुरलिया प्यारी की॥
आरती कुंजबिहारी की...
कुन्ज में रास रचाय, राधा संग मुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की...
लतायें हंस रही, मंजरियाँ गदराई की॥
आरती कुंजबिहारी की...
हाथ में मुरलिया शोभित, नटवर वेश प्यारी की॥
आरती कुंजबिहारी की...
कानन कुंडल मन्दित, अर्ध तिलक विभूषण की॥
आरती कुंजबिहारी की...
जित देखो तित श्याम, हरि बिन जुदा न कोई की॥
आरती कुंजबिहारी की...
ध्यान धरें संतन हरि का, ध्यान धरें सब नर नारी की॥
आरती कुंजबिहारी की...