Gayatri Mantra
ॐ भूर्भुवः स्वः
तत्स॑वि॒तुर्वरे॑ण्यं॒
भर्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि।
धियो॒ यो नः॑ प्रचो॒दया॑त्॥
अर्थ (Meaning): ॐ: यह ब्रह्म का प्रतीक है, जो सत्य है, निराकार है, अजन्मा है, अपरिच्छिन्न है, शुद्ध है और सर्वव्यापी है। भूर्भुवः स्वः: यह समस्त जगत् को संक्षिप्त रूप में बताता है। यह भूलोक, भुवर्लोक और स्वर्गलोक का नाम है। तत् सवितुर्वरेण्यं: वह सविता (सूर्य) को प्रार्थना किया जाता है, जिसे वर्चस्वान और प्रेरक कहा गया है। भर्गो देवस्य धीमहि: हम उस दिव्य तेज को मनन करते हैं। धियो यो नः प्रचोदयात्: हमारी बुद्धि को उस तेज़ से प्रेरित करें॥
गायत्री मंत्र के लाभ
- आत्मिक शक्ति का विकास: यह मंत्र ध्यान और आत्मा के विकास में सहायक होता है।
- बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति: इसका जाप विचारशीलता और ज्ञान की वृद्धि में मदद करता है।
- शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार: गायत्री मंत्र का उच्चारण शांति और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।
- रोग निवारण: इस मंत्र का प्रचलन रोग निवारण में मदद करता है और स्वास्थ्य को सुरक्षित रखता है।
- धार्मिक उन्नति: यह मंत्र धार्मिक उन्नति और आध्यात्मिक प्राप्ति में सहायक होता है।